
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान विजयपुर (एम्स) के कार्यकारी निदेशक डा. शक्ति गुप्ता का कहना है कि एम्स जम्मू हर प्रकार की आपदा से निपटने के लिए चौबीस घंटे तैयार है। इसके लिए बकायदा तौर पर एक आपदा प्रबंधन योजना बनाई गई है।
एम्स जम्मू के पहले स्थापना दिवस पर डा. शक्ति ने पत्रकार वार्ता में कहा कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय पर स्थित होने और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे होने के कारण वह अपनी भूमिका को समझते हैं। आपरेशन सिंदूर के दौरान भी एम्स ने कई बिस्तर सुरक्षित रखे थे।
अपने आपदा प्रबंधन प्लान को सक्रिय किया था। उनके पास ऐसे ब्लाक हैं जिनसे किसी भी जगह पर अस्थायी अस्पताल भी तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी फैकल्टी की कमी है। विशेषतौर पर हृदय रोग विभाग में डाक्टरों की कमी है। अन्य विभागों में भी कम फैकल्टी है लेकिन बावजूद इसके एक वर्ष में एम्स ने बहुत उपलब्धियां हासिल कर ली हैं।
उन्होंने कहा कि रामगढ़ में एम्स के डाक्टर नियमित रूप से आउटरीच कार्यक्रम के तहत मरीजों की जांच के लिए जाते हें। अब बसोहली में भी जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अभी वे उन मरीजों को जहां से बाहर भेजते हैं जिनका यहां पर उचित इलाज संभव नहीं है ताकि मरीजों को पीजीआइ या एम्स दिल्ली जैसे संस्थानों में बेहतर इलाज मिल सके।
डा. शक्ति ने कहा कि एम्स में शोध कायों को प्राथमिकता दी जाती है और इसके तहत आइआइटी, आआआइएम, सीएसआइआर-आइआइआइएम जैसे संस्थानों के साथ एमओयू भी साइन किए गए हैं। अभी तक 130 शोध पत्रों को मंजूरी दी गई है। एमबीबीएस कर रहे विद्यार्थियों और नसि्रंग स्टाफ को भी शोध की अनुमति है।
एम्स जम्मू की मात्र एक वर्ष में हुई प्रगति के बारे में पूछे जाने पर डा. गुप्ता ने बताया कि हमने अपनी यात्रा ठीक एक वर्ष पहले एक अगस्त 2024 को बुनियादी ओपीडी और नैदानिक सेवाओं के साथ शुरू की थी। आज हम एक पूर्णत कार्यरत मल्टीस्पेशलिटी संस्थान हैं जो ओपीडी से लेकर आईपीडी, माड्यूलर ओटी, ट्रामा केयर, डायलिसिस, आन्कोलाजी और बहुत सेवाएं प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि ओपीडी में एक वर्ष में 2.6 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया है। इनमें 28 प्रदेशों के मरीज शामिल है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में संपर्क बढ़ने पर एम्स में हर दिन चार से पांच हजार मरीजों के आने की उम्मीद है।
लगभग चार हजार मरीजों को आंतरिक रोगी देखभाल के तहत भर्ती किया है। 15 हजार से अधिक आपातकालीन मामलों का प्रबंधन किया है। आठ माड्यूलर आपरेशन थिएटरों में 1800 से अधिक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई हैं।
डा. शक्ति ने दावा किया कि एम्स जम्मू नए एम्स में से पहला है जिसने एक पूर्ण विकसित उच्च स्तरीय ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन इकाई स्थापित की है। संस्थान ने एक ग्रीन स्मार्ट वाटरलेस लैब शुरू की है जो इस क्षेत्र में पहली बार है। उन्होंने सेंटर फार एडवांस्ड जीनोमिक्स एंड प्रिसिजन मेडिसिन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सभी एम्स में ऐसा एकमात्र केंद्र है। हमें अब उच्च स्तरीय जीनोमिक परीक्षण के लिए नमूने विदेश भेजने की आवश्यकता नहीं है।
अकादमिक क्षेत्र पर बोलते हुए डा. गुप्ता ने कहा कि केवल 50 एमबीबीएस छात्रों के एक बैच से हमने सालाना 100 छात्रों तक विस्तार किया है। हमने 60 छात्रों के साथ बीएससी नर्सिंग, एमडी,एमएस, एमडीएस और यहां तक कि बाल चिकित्सा सर्जरी में एमसीएच भी शुरू किया है। एम्स जम्मू की डिजिटल लाइब्रेरी नए एम्स संस्थानों में सबसे बेहतरीन में से एक है।
जिसमें 13000 से अधिक ई-जर्नल, 11000 से अधिक नैदानिक वीडियो और हजारों पुस्तकें, केस दिशानिर्देश उपलब्ध हैं। 1000 सीटों वाला कन्वेंशन सेंटर पहले ही कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों की मेजबानी कर चुका है।
स्टाफ को किया विशेष प्रशिक्षित
अस्पतालों में डाक्टरों व तीमारदारों की बढ़ रही मारपीट की घटनाओं पर डा. शक्ति ने कहा कि उन्होंने स्टाफ को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है। नर्सिंग स्टाफ को एम्स दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया गया था। कई विशेषज्ञों को जम्मू में बुलाया गया था।