
जम्मू ।
पहलगाम आतंकी हमले के एक गुनहगार का हिसाब हो गया। सुरक्षाबलों ने शोपियां एनकाउंटर में शाहिद अहमद कुट्टे को ढेर कर दिया है। कुट्टे को टीआरएफ का बड़ा कमांडर था, जिसका पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार में बड़ा हाथ था।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। इनमें से एक आतंकी की पहचान शाहिद अहमद कुट्टे के रुप में की गई है। पहलगाम आतंकी हमले में इसका भी नाम आया था और सुरक्षाबलों ने शोपियां के चोटीपोरा में स्थित इसका घर भी मिट्टी में मिला दिया था। कुट्टे लश्कर ए तैयबा के प्रॉक्सी ग्रुप टीआरएफ का बड़ा कमांडर था। जानकारी के मुताबिक, शाहिद पिछले तीन से चार सालों से कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा था। पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने में उसका बड़ा रोल था।
जम्मू कश्मीर में मंगलवार सुबह आतंकियों से मुठभेड़ की शुरुआत कुलगाम जिले में हुई थी, जिसके बाद आतंकवादी शोपियां भाग गए थे। हालांकि सुरक्षाबल के जवान उनका पीछा करते-करते शोपियां पहुंचे और आतंकियों को वहीं घेर लिया। इस दौरान खुद को घिरा हुआ देखकर आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसका जवाब देते हुए तीनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया।
कौन था कुट्टे?
कुट्टे को शोपियां और आसपास के इलाकों में कई आतंकी वारदातों में शामिल माना जाता है. वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए भर्ती, ट्रेनिंग, और ऑपरेशंस को कोआर्डिनेट करने में सक्रिय रहा है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, वह कई युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल करने में भी शामिल था.
शाहिद कुट्टे पुत्र मोहम्मद यूसुफ कुट्टे है, जो चोटिपोरा हीरपोरा, शोपियां का निवासी है। यह 8 मार्च, 2023 में लश्कर के साथ जुड़ा था।
यह आतंकी 08 अप्रैल, 2024 को डेनिश रिसॉर्ट में गोलीबारी की घटना में शामिल था, जिसमें दो जर्मन पर्यटक और एक ड्राइवर घायल हो गए थे। यह आतंकी18 मई, 2024 को हीरपोरा, शोपियां में भाजपा सरपंच की हत्या में शामिल था। उस पर 03 फरवरी, 2025 को बेहीबाग, कुलगाम में टीए कार्मिक की हत्या में शामिल होने का संदेह है।
दूसरे आतंकवादी की पहचान अदनान शफी डार पुत्र मोहम्मद शफी डार निवासी वंदुना मेल्होरा, शोपियां के रूप में हुई है। वह 18 अक्टूबर, 2024 को वाची, शोपियां में गैर-स्थानीय मजदूर की हत्या में शामिल था।