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CAT के आदेश के बाद नायब तहसीलदार की भर्ती प्रक्रिया स्थगित

जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (एसएसआरबी) ने नायब तहसीलदार भर्ती प्रक्रिया को उर्दू अनिवार्यता विवाद के चलते स्थगित कर दिया है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) जम्मू ने उर्दू ज्ञान की अनिवार्यता पर रोक लगाकर एसएसआरबी को निर्देश दिया कि अन्य पांच आधिकारिक भाषाओं के ज्ञान वाले उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार करें। याचिकाकर्ताओं ने उर्दू अनिवार्यता को भेदभावपूर्ण बताया था। अगली सुनवाई 13 अगस्त को है।

जम्मू। उर्दू भाषा की अनिवार्यता को लेकर विवादों में आई नायब तहसीलदार के पदों की भर्ती प्रक्रिया को जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (एसएसआरबी) ने स्थगित कर दिया है।

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) जम्मू की पीठ ने नायब तहसीलदार के पद के लिए उर्दू ज्ञान की अनिवार्यता पर सोमवार को रोक लगाने के साथ ही एसएसआरबी को निर्देश दिए थे कि इस भर्ती प्रक्रिया में उन उम्मीदवारों के आवेदन भी स्वीकार किए जाएं, जिन्हें जम्मू-कश्मीर की पांच आधिकारिक भाषाओं हिंदी, कश्मीरी, अंग्रेजी, डोगरी और उर्दू में से किसी एक का भी ज्ञान हो।

युवाओं ने दायर की याचिका

इस संदर्भ में राजेश सिंह और अन्य ने याचिका दायर की थी, जिसमें नायब तहसीलदार के पद के लिए उर्दू के ज्ञान को अनिवार्य बनाने वाले जम्मू और कश्मीर राजस्व (अधीनस्थ) सेवा भर्ती नियम 2009 के प्रविधानों को चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यह अनिवार्यता जम्मू-कश्मीर विशेषकर जम्मू के उन युवाओं के साथ भेदभाव है, जिन्हें उर्दू भाषा का ज्ञान नहीं हैं।

पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए उर्दू की अनिवार्यता पर रोक लगाते हुए बोर्ड से चार सप्ताह में जवाब मांगा था। पीठ में इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है, लेकिन इसके पहले ही बोर्ड ने इस भर्ती प्रक्रिया पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।

‘पांच भाषा में किसी एक का भी ज्ञान हो’

इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राज्य मंत्री सनक श्रीवत्स ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का एसएसआरबी का फैसला सही है, लेकिन नई अधिसूचना जल्द जारी हो और इसमें सभी युवाओं को शामिल होने का मौका मिले, जिन्हें पांच चयनित भाषाओं में किसी एक का भी ज्ञान हो।

बता दें कि एसएसआरबी ने नौ जून को नायब तहसीलदारों के 75 पदों के लिए अधिसूचना जारी की थी, लेकिन पहले ही दिन वह उर्दू अनिवार्यता को लेकर विवादों में आ गई थी। जम्मू संभाग में इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर युवाओं ने विरोध शुरू कर दिया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व भाजपा ने भी इसको लेकर कड़ा विरोध जताया।

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